मधेपुरा: विगत दस जनवरी को अपने स्थापना के तीन दशक पूरा कर चुके भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में भूपेंद्र बाबू की जयंती एवम् स्थापना दिवस पर प्रकाशित होने वाली स्मारिका के विगत कई वर्षों से प्रकाशन नहीं होने पर एआईएसएफ की बीएनएमयू इकाई ने कड़ा ऐतराज जताया है और आगामी भूपेंद्र नारायण मंडल की जयंती पर प्रकाशन प्रारम्भ की मांग की है. संगठन के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक बीएनएमयू में प्रकाशित होने वाली स्मारिका विश्वविद्यालय के विकास, संकल्प, सफर व भावी योजना को समझने का मौका देता था वहीं विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारियों व रचनाकारों संग गम्भीर रचनाकारों को पढ़ने का सुअवसर भी.
साथ ही तस्वीरों के माध्यम से विश्वविद्यालय की उपलब्धि व गतिविधि का भी दीदार होता था. एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में बीएनएमयू की पत्रिका प्रकाशन व रजत विशेषांक की चर्चा कर कई कमिटियां बनाकर भी प्रकाशन नहीं हुआ वहीं पूर्व से प्रकाशित हो रही स्मारिका का विगत कुछ वर्षों से प्रकाशन नहीं होना विश्वविद्यालय की उदासीनता के साथ साथ नए संकल्प की आड़ में पुराने संकल्प को भुलाने की सोच को दर्शाता है. छात्र नेता राठौर ने कहा कि स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय ने भव्य आयोजन की बात कही है जो कोरोना के विकराल होते रूप से सम्भव नहीं लगता लेकिन स्मारिका प्रकाशन बिना किसी अड़चन के हो सकती है.
नैक से मान्यता की कड़ी में यह छोटी ही सही लेकिन सकारात्मक पहल होगी. पुनः प्रकाशन कर जहां बीएनएमयू प्रशासन की उपलब्धि सोच व संकल्प को समझने का मौका पुनः मिलेगा वहीं विभिन्न क्षेत्रों में छात्र, शिक्षक व कर्मचारियों की विलक्षण उपलब्धि को समाज के बीच ले जाने का मौका भी. एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि कुलपति और वरीय पदाधिकारी इसको लेकर अगर गंभीर होंगे तो विश्वविद्यालय की एक अच्छी परम्परा के जीवंत होने की उम्मीद जगेगी.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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