प्रदेश महासचिव ने शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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14 नवंबर 2022

प्रदेश महासचिव ने शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

मधेपुरा: जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश महासचिव प्रो. अभिषेक कुशवाहा ने जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को 7 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा. दिए गए मांग पत्र में उन्होंने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूलों में साल के शुरुआत में बच्चों को इशू किताबों को साल के अंत में जमा करवा कर दूसरे बच्चों को उन किताबों को पढ़ने का मौका दिया जाए ताकि अभिभावकों पर आर्थिक बोझ ना पड़े और स्कूलों द्वारा इनका आर्थिक शोषण ना हो और उस किताब को दूसरे बच्चों को आधे मूल्य पर प्रोभाइड किया जाए. सभी प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन एवं अन्य फीस को कम किया जाए और हर साल रजिस्ट्रेशन करवाकर स्कूलो द्वारा अभिभावक पर आर्थिक बोझ डालना व आर्थिक शोषण करना इसे बंद किया जाए. 

इस पर रोक लगाया जाए. रजिस्ट्रेशन किसी भी बच्चों का एक बार हो. और एक आयोग का गठन किया जाये जो इसकी जांच करे. सभी प्राइवेट स्कूलों में बेहतर और योग्य शिक्षकों की बहाली स्कूलो द्वारा की जाए. कम वेतन में अयोग्य शिक्षकों को ना रखा जाए.पूरा प्रयास हो की बच्चो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले. सभी प्राइवेट स्कूलों द्वारा जारी किताबों के मूल्य पर अंकुश लगाया जाए और मनमाने रेट को कम किया जाए. प्राइवेट स्कूलों द्वारा जारी बच्चों के ड्रेस को अभिभावक को खुद मार्केट से करने को स्वतंत्र किया जाए या स्कूल द्वारा उपलब्ध ड्रेस पर उचित मूल्य रखा जाए और ड्रेस की कपड़े की क्वालिटी अच्छी हो. एक जांच कमेटी का गठन कर सभी प्राइवेट स्कूलो के संचालन पर नजर रखी जाये.

सरकार द्वारा जारी नियमो का पालन हो इसका ख्याल रखा जाये. गरीब बच्चों लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था हो. हॉस्टल में रह रहे बच्चो को पोष्टिक आहार मिल रहा है की नही इस ध्यान रखा जाये. बीपी एल श्रेणी मे आते सभी बच्चो को मुफ़्त शिक्षा दी जाये उनसे किसी भी प्रकार का मूल्य नही लिया जाये. जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश महासचिव प्रोफेसर अभिषेक कुशवाहा ने कहा कि हर साल पुरानी किताबों को रद्दी के भाव बेच दिया जाता है और नए किताबों को अभिभावकों को खरीदने पर मजबूर किया जाता है और सिलेबस चेंज के नाम पर भी नये किताबों को खरीदे पर मजबूर किया जाता है इससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है और स्कूल इस से मोटी रकम कमाती है.

प्रो. अभिषेक कुशवाहा ने यह भी कहा है कि सभी प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन एवं अन्य प्रकार के फीस के नाम पर मोटी रकम ऐठती है जिससे मिडिल क्लास के फैमिली पर काफी आर्थिक बोझ पड़ता है इसलिए इस व्यवस्था पर रोक लगाया जाए और फीस को कम किया जाना चाहिए और मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिए.हर साल रजिस्ट्रेशन के नाम पर अभिभावक का आर्थिक शोषण किया जाता है जिसे बंद किया जाना चाहिए रजिस्ट्रेशन एक बार हो तो बेहतर है एक जांच कमिटी गठित की जाये जो सभी प्राइवेट स्कूलो के मेनेजमेंट पर नजर रखे जो गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई बच्चो का रहन सहन, गुणवत्तापूर्ण आहार, शिक्षको के पढ़ाई की गुणवत्ता, सरकार द्वारा जारी नियमो का पालन हो रहा है कि नही.

गरीब बच्चो के मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था है की नही और सम्भावित सभी जगहो पर गरीब बच्चो के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाये. वही नगर अध्यक्ष बिरेन्द्र पासवान, जदयू जिला महासचिव मिथिलेश कुमार, विश्वविद्यालय छात्र जदयू नेता निखिल सिंह यादव,आशीष कुमार ने कहा है कि बीपीएल श्रेणी मे आते सभी बच्चो को मुफ़्त शिक्षा दी जाये प्राइवेट स्कूलो द्वारा सरकार के निर्देश का पालन नही किया जाता है इनके मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए. 

उक्त मांग के विषय मे प्रो.अभिषेक कुशवाहा ने कहा है कि पूर्व में भी मधेपुरा जिलाधिकारी महोदय से जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के द्वारा मांग की गई थी लेकिन इस पर अब तक कोई कारगर कदम नही उठाया गया. सभी मांगो पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए. जिसमें पांच सदस्यीय टीम में नगर अध्यक्ष बिरेन्द्र पासवान, जदयू जिला महासचिव मिथिलेश कुमार, छात्र जदयू विश्वविद्यालय नेता निखिल सिंह यादव, आशीष कुमार शामिल रहे
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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