पप्पू यादव ने राजीव प्रताप रूडी पर लगाया जान से मारने की धमकी देने का आरोप - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

9 मई 2021

पप्पू यादव ने राजीव प्रताप रूडी पर लगाया जान से मारने की धमकी देने का आरोप

पटना: कोरोना महामारी के बीच एम्बुलेंस मामले में गहराए विवाद के बीच अब जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी, उनके करीब और उनके दामाद पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. इसको लेकर आज पप्पू यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जहां उन्होंने गालीगलौज भरे ऑडियो भी सुनाया. साथ ही पप्पू यादव ने तत्कालीन डीएम पंकज पाल के ट्रांसफर की जांच की मांग भी मुख्यमंत्री से कर दी और कहा कि डीएम पंकज पाल ने रूडी का एम्बुलेंस ये कहते हुए जब्त किया था कि वे इसका इस्तेमाल निजी कार्यों में करते हैं. 

फिर रूडी ने मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से मिलकर एक सप्ताह में उनका ट्रान्सफर करा दिया था. पप्पू यादव ने पूछा कि जब डीएम ने उनका एम्बुलेंस जब्त किया तो फिर उन्हें ये मिला कैसे और इन एंबुलेंस ड्राइवरों को वेतन कौन दे रहा, इसकी भी जांच होनी चाहिए. पप्पू यादव ने कहा कि रूडी जी के पटना आवास पर रहने वाले बबलू चौबे और उनके दामाद अभिमन्यु त्यागी हमारे एक वर्कर मनीष विशाल को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. क्या रूडी जी का स्तर यही है और क्या जान से मारने से बिहार के मरीजों की जान बच जाएगी? अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके जिम्मेदारी रूडी होंगे.  
उन्होंने रूडी के कौशल प्रशिक्षण केंद्र की जमीन का दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि अभी तक उन्होंने भूस्वामी को पैसे तक नहीं दिए हैं. आखिर क्यों? उन्होंने अमनौर में हुए केस पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि यह केस राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि जब हम गए तो वहां हमने शांतिपूर्ण तरीके से चीज़ों को उजागर किया. उस वक़्त केस करने वाले लड़के मौजूद भी नहीं थे. इस मामले की सच्चाई के लिए IG के नेतृत्व में जांच हो और उन लड़कों का फ़ोन लोकेशन निकाला जाए. सब साफ हो जाएगा. 

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल तो ये उठता है कि घटना के 24 घंटे बाद FIR दर्ज हुआ, घटना के तुरन्त बाद क्यों नहीं? हम जब वहां गए थे तो स्थानीय पत्रकार भी मौके पर मौजूद थे. जाप अध्यक्ष ने आगे कहा कि 11 हजार करोड़ के पीएम केयर फंड से बिहार को 600 वेंटिलेटर मिले थे, आज उनमें से एक भी चालू क्यों नहीं है. इस मामले स्वास्थ्य विभाग और उनके पदाधिकारियों पर 302 का मुकदमा दर्ज हो. क्योंकि अगर ये चालू अवस्था में होते तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी.  
उन्होंने सरकार के अधिकारियों पर रेमडीसीवीर बेचने का भी आरोप लगाया और कहा कि लगातार अधिकारी ये दवाई बेच रहे हैं और अभी भी एम्बुलेंस की माफियागिरी राज्य में जारी है. हम सरकार से मांग करते हैं कि 72 घंटे के अंदर वे सभी एम्बुलेंस को अपने कब्जे में लेकर उसका परिचालन जनहित में शुरू करे. संवाददाता सम्मेलन में प्रेमचन्द सिंह, राजेश रंजन पप्पू, राजू दानवीर और मनीष विशाल भी मौजूद रहे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

Post Bottom Ad

Pages