डेस्क: प्रधानमंत्री और एक महिला कैबिनेट मंत्री के आपत्तिजनक फोटो वायरल करने के एक मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी की ओर से दायर जमानत याचिका खारिज कर दी है. आरोपी की ओर से जिला जज की कोर्ट में दायर जमानत अर्जी पहले ही खारिज कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने एसपी मधेपुरा को इस मामले का सुपरविजन कर केस डायरी कोर्ट में समर्पित करने का निर्देश दिया है. मामला चौसा थाना क्षेत्र के कुंजर टोली रसलपुर धुरिया कलासन से जुड़ा है. बताया गया कि आठ अप्रैल 2020 को मो. सिराज आलम का पुत्र सज्जाद रजि उर्फ सज्जाद आलम ने अपने मोबाईल नंबर 8921288950 से फेसबुक पर पीएम व एक महिला कैबिनेट मंत्री के आपत्तिजनक फोटो पोस्ट किया था.
चौसा के तत्कालीन थानाध्यक्ष महेश कुमार रजक ने तत्काल संज्ञान लेते हुए सज्जाद रजि के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत (88/2020) केस दर्ज कर करवाई शुरू कर दी. मोबाइल पर ऐसे आपत्तिजनक पोस्ट करना युवक सज्जाद को काफी महंगा पड़ गया. मामले की गंभीरता को देखते और गिरफ्तारी से बचने के लिए सज्जाद ने जिला जज रमेशचंद मालवीय की कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर कर दी. लेकिन आईटी एक्ट से जुड़ा यह मामला, देश के पीएम सहित एक महिला मंत्री की आपत्तिजनक और भ्रामक पोस्ट से संबंधित होने के कारण जिला जज ने अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया.
जिला जज की कोर्ट से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद युवक सज्जाद ने हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सुनील कुमार पनवार के कोर्ट में फिर जमानत अर्जी दायर की. इस मामले में हाईकोर्ट ने चार जनवरी 2022 को उसकी जमानत पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया. साथ ही इस मामले में एसपी मधेपुरा को सुपरविजन कर केस डायरी कोर्ट में समर्पित करने को कहा है.
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