बीएड जांच कमिटी, गर्ल्स हॉस्टल, सीनेट, सिंडिकेट चुनाव पर हर हाल में हो निर्णायक पहल - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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6 मई 2022

बीएड जांच कमिटी, गर्ल्स हॉस्टल, सीनेट, सिंडिकेट चुनाव पर हर हाल में हो निर्णायक पहल

मधेपुरा: शनिवार को होने वाली सिंडिकेट की बैठक के सम्बन्ध में वाम छात्र संगठन एआईएसएफ ने कुलपति से मांग किया है कि बैठक में अहम मुद्दों पर हर हाल में निर्णायक पहल हो. संगठन के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कुलपति से मांग किया है कि बीएड ऑन स्पॉट एडमिशन आदि मुद्दों पर बनी जांच कमिटी दस दिन में रिपोर्ट जमा करने के बजाय सवा साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी रिपोर्ट जमा नहीं कर पाई इस दौर दो कमिटी बनी दर्जनों तारीखें फेल हुई. इस मामले में हर हाल में रिपोर्ट जमा हो, दो साल पहले कार्यकाल पूरा कर चुके सीनेट, सिंडिकेट के चुनाव की तिथि अविलंब जारी हो।वर्षों से भाषणों का हिस्सा बन गया गर्ल्स हॉस्टल शुरू करने की ईमानदार पहल हो. 

साथ ही स्थापना के तीन दशक पार कर चुके विश्वविद्यालय में बहुप्रतीक्षित एकेडमिक सीनेट बैठक की तारीख तय करते हुए विश्वविद्यालय के सर्वोच्च सदनों की बैठक नियमित अंतराल पर कराना सुनिश्चित किया जाए. एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि बीएड जांच कमिटी, गर्ल्स हॉस्टल, सीनेट, सिंडिकेट चुनाव में लगातार बहाना बनाते बनाते हर सीमा को पार किया गया, अनुशासन समिति खुद के फैसलों को लागू करवाने में अनुशासन को ही तरस रही है. ऐसे में एआईएसएफ ने अब तय किया है कि इस बार की सिंडिकेट में अगर निर्णायक पहल नहीं हुआ तो संगठन आर पार के आंदोलन से नहीं चूकेगा. विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारी के कथनी व करनी में बहुत अंतर है जिसका खामियाजा इस पिछड़े क्षेत्र के छात्रों को झेलना पड़ता है.  
वहीं राठौर ने कुलपति से यह भी मांग किया कि ऐसे सदस्यों पर जरूर सख्ती बरती जाए जो सिर्फ उपस्थित दर्ज करा, टीए, डीए, बैग लेने व स्वादिष्ट खाना के लिए आते हैं और बीच बैठक से ही निकलते बनते हैं. इससे बैठक मजाक सा बन जाता है साथ ही बैठक में सदस्यों के अतिरिक्त बाहरी लोगों पर भी रोक रहे जिससे बैठक की गोपनीयता कायम रहे. विश्वविद्यालय छात्र, शिक्षक, कर्मचारी हित में जो भी कदम उठाएगा उसमे एआईएसएफ बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी देगा लेकिन गलत नीतियों का मुखर विरोध भी किया जाएगा. राठौर ने कहा कि सिंडिकेट विशेष कर उन पदाधिकारियों को चिन्हित कर कारवाई करे जो दोनों उच्च सदन के फैसलों को भी समय पर पूरा नहीं कर पाते हैं. वहीं खुद कुलपति द्वारा लिए फैसलों को भी दरकिनार कर देते हैं. एआईएसएफ उम्मीद करती है कि यह बैठक विगत दो वर्षों में कोरोना से हुई व्यापक क्षति की भरपाई करने में बहुत हद तक उपयोगी साबित होगा. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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