सृजन दर्पण कार्यक्रमों से समाज में जागृति लाने का काम कर रहा है: कुलपति - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

6 मई 2022

सृजन दर्पण कार्यक्रमों से समाज में जागृति लाने का काम कर रहा है: कुलपति

मधेपुरा: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सृजन दर्पण के सातवां स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) राम किशोर प्रसाद रमण विभिन्न पदाधिकारियों, महाविद्यालय के प्रधानाचार्यो समेत स्नातकोत्तर विभाग के विभागाध्यक्षों  ने पौधारोपण किया. मौके पर कुलपति ने कहां पर्यावरण में हो रहे क्षरण से पारिस्थितिकी असंतुलन पैदा हुआ है. परिणाम तरह-तरह के नवीन रोगाणु पैदा हुए. कोविड-19 इसका ताजा उदाहरण है. आगे उन्होंने कहा इस समय तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि मौसम वैज्ञानिकों के द्वारा दर्ज किया जा रहा है. 

यह एक चिंताजनक स्थिति है. इस सब का निदान अधिकाधिक वृक्षारोपण से संभव है. उन्होंने यह भी कहा कि सृजन दर्पण अपने कार्यक्रमों से समाज में जागृति लाने का काम कर रहा है. खासकर अभिनय के जरिए यह एक साथ लोक संस्कृति के संरक्षण एवं जन जागरूकता का काम वर्षों से करते आ रहा है. संस्था सचिव रंगकर्मी बिकास कुमार ने बताया कि सात वर्ष का समय किसी भी संस्था की अवस्था के लिहाज से बहुत छोटी होती ह. इस अल्प अवधि में संस्था ने मनवता के संरक्षण एवं सशक्तिकरण के लिए राष्ट्र, राज्य एवं अन्य संगठन द्वारा किये जा रहे यज्ञ में अनवरत आहुति दी.  
इसके लिए मानवीय जीवन को संयमित और संवर्द्धित करने वाले सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यक क्षेत्र में अहम योगदान दिया. समाज की समसामयिक समस्या को देखते हुए सांस्कृतिक गतिविधियों का चयनकर प्रभावी प्रस्तुतियाँ दी. ये समस्याएँ स्वच्छता, छुआछूत, जातिवाद, बाल मजदूरी, बाल विवाह, दहेज अंधविश्वास उन्मूलन जैसी  पारम्परिक है तो जल जीवन हरियाली, नशा उन्मूलन जैसी राज्य सरकार प्रायोजित. इसके लिए सृजन दर्पण के रंगकर्मियों ने फुटपाथ से लेकर राजकीय महोत्सव के मंचो से संदेश मूलक पुस्तुति दी. 

केई अवसर आये जब विभिन्न प्रतिष्ठानों, संस्थाओ एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया. सोसल साइट्स के दुष्परिणाम पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में नाटक के जरिये संदेश मूलक प्रस्तुति दी. साथ ही सड़क सुरक्षा माह को लेकर लोगो में जागरूकता अभियान चलाया वहीं गांव जा- जाकर लोगों के बीच मधुमेह को लेकर जागरूकता- शिविर लगाया, दर्शन-परिषद की राष्ट्रीय संगोष्ठी में लोकसंस्कृति से जुड़ी बहेतरीन प्रस्तुति दी. मधेपुरा महाविद्यालय मधेपुरा में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में नशा और अंहकार के दुष्परिणाम पर आधारित सुधारवादी नाटक की मंचन किया. कला एवं संस्कृति एवं युवा विभाग के सहयोग से सहरसा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में सृजन दर्पण की प्रस्तुति को विभागीय मंत्री ने भी सराहा.  
विद्यापति जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में सृजन दर्पण के रंगकर्मियों की बेहतरीन प्रस्तुति को लोगों ने काफी पसंद किया. अत्याधुनिकता की दौड़ में भी संस्था ने विद्यापति की रचना, लोकगाथा, लोकनाट्य लोक संस्कृति के मार्फत संदेशप्रद प्रस्तुति दी. सृजन दर्पण ने शुरू से जिला स्थापना दिवस,  बिहार दिवस, बीपी मंडल राजकीय जयन्ती समारोह झूलनोत्सव, विधापति जयंती, आदि बिंब महोत्सव, भास्कर महोत्सव, राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव, राजकीय सिहेश्वर महोत्सव, विशिष्ट कलाकारों का चयन प्रतियोगिता सहित युवा उत्सव में लगातार नशा उन्मूलन, सड़क सुरक्षा, मतदाता जागरूकता अभियान, जल जीवन और हरियाली से जुड़े स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं लोक संस्कृति का यादगार और संदेश मूलक अभिनय किया. 

युवाओं एवं आमलोगों में जागृति के लिए समय-समय पर विद्वानों की संगोष्ठी आयोजित की जाती है. सामाजिक समस्याओं के अनुरूप विषय रखा जाता है. विद्वानों के विचारों से लोगों को नयी दृष्टि बनाने में मदद मिलती हैं. जरूरत पड़ने पर संस्था के सदस्य और रंगकर्मियों के द्वारा गाँव- गाँव जाकर कोरोना संकट पर जागरूकता अभियान चलाया गया एवं आवश्यक समानों का वितरण भी किया गया. इससे पहले भी सड़क सुरक्षा, नशा उन्मूलन, जल जीवन और हरियाली के तहत कई अभियान चलाये गये.  
संस्था की सारी गतिविधियों में समाज के शुभचिंतक प्रज्ञावान पुरुषों एवं सामान्य जन का हर वक्त स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा, उनका आर्थिक और भावनात्मक सहयोग एवं मार्गदर्शन का पाथेय यदि न मिलता तो संस्था यह मुकाम हासिल न कर पाती. खासकर सदस्यों रंगकर्मियों एवं उनके अभिभावक का संस्था आभारी है. इस अवसर पर डॉ. नरेश कुमार, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. अभय कुमार, डॉ. विश्वनाथ विवेका, डॉ. प्रज्ञा प्रसाद, डॉ. ललन प्रसाद अद्री, डॉ.अशोक कुमार, डॉ. माधवेन्द्र क्षा, संस्था अध्यक्ष डाॅ. ओम प्रकाश ओम, प्रो. चन्द्रकिरण रीणा, मेधा कुमारी, पल्लवी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, तनु प्रिया, राजनंदिनी आदि मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

Post Bottom Ad

Pages