इसके बाद परिवार वाले उसे गम्हरिया थाना ले गए जहां से उसे लौटा दिया गया. बच्ची के पिता की मानें तो रात करीब 1 बजे वह अपने दादा को उठा कर पेशाब करने गई और फिर सो गयी थी. इसके कुछ घंटे बाद जब उसकी 8 साल की बुआ जगी तो बच्ची को नहीं देख दादा से पूछी. जिसके बाद परिवार के अन्य लोगों को जगाया गया. बच्ची घर में नहीं थी तब सभी लोग उसे खोजने में लग गए अहले सुबह 4 बजे के करीब वह घर से दूर बांस बाड़ी में मिली. 27 मई को वह बच्ची को इलाज के लिए जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन वहां भी उसको भर्ती नहीं लिया.
कहा गया पहले पुलिस केस करा कर आओ. बच्ची का पूरा कागज भी वहीं रख लिया गया. आज बच्ची को लेकर परिजन सिंहेश्वर पीएचसी गए. जहां मीडिया कर्मियों की पहल पर उसका प्राथमिक उपचार किया गया और बेहतर इलाज के लिए मधेपुरा सदर अस्पताल भेज दिया गया. फिलहाल बच्ची का इलाज मधेपुरा सदर अस्पताल में चल रहा है. सिंहेश्वर के उप-प्रमुख मुकेश कुमार और पंचायत समिति सदस्य सिकन्दर ऋषिदेव ने मीडिया कर्मियों को घटना की जानकारी देते हुए घटना को दुर्भग्यपूर्ण बताया. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर संतोष कुमार ने बताया कि बच्ची के अंदरूनी भागों में गंभीर जख्म हैं. फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर है। डॉक्टर इलाज कर रहे हैं.
वहीं इस संबंध में जब सूचना मधेपुरा एसपी राजेश कुमार को दी गई तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए गम्हरिया थाना अध्यक्ष को मधेपुरा सदर अस्पताल बुलाकर बच्ची और उसके परिजनों का बयान दर्ज कर एफआईआर. करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच करेगी और जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी भी होगी.
(रिपोर्ट:- मिथिलेश कुमार)
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