मंडल विश्वविद्यालय में नामांकन लेने से पहले ये खबर जरूर पढ़ लें - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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7 मार्च 2024

मंडल विश्वविद्यालय में नामांकन लेने से पहले ये खबर जरूर पढ़ लें

मधेपुरा: आधुनिकता की दुनिया में बेहतर से बेहतर सुविधा मिल सके यह पूरी तरह से कोशिश की जाती है लेकिन भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय ठीक उससे उल्टा चलता है. जब से विश्वविद्यालय ने UMIS पोर्टल की स्थापना की है. छात्रों को सुविधा देने के नाम पर इसकी आर में उनका आर्थिक और मानसिक दोहन किया जाता है. जब भी विश्वविद्यालय द्वारा किसी फॉर्म भरने की तिथि जारी की जाती है तो निर्धारित तिथि के एक दो दिन के बाद ही पोर्टल खोला जाता है. फॉर्म भरने की तिथि जारी करने के बाद छात्रों का भरा हुआ डिटेल के साथ ही पोर्टल खोला जाता है. अगर उस दौरान कुछ गलत डिटेल भी भरा हुआ हो तो उसे सुधारने का ऑप्शन नहीं दिया जाता है. ऐसे में मजबूरन छात्रों को गलत डिटेल के साथ ही फॉर्म भरना पड़ता है. जब इस बात की शिकायत लेकर UMIS पोर्टल के कार्यालय में छात्र पहुंचते हैं तो उसे नोडल पदाधिकारी से आवेदन फॉरवर्ड करवा कर पांच सौ रुपए का चालान कटवाने के लिए कहा जाता है. तब उनकी उक्त समस्या का निदान करने की बात कही जाती है. 
बीएसएस कॉलेज सुपौल के पीजी के छात्र मनीष जायसवाल का कहना है कि विश्वविद्यालय के द्वारा थर्ड सेमेस्टर में नामांकन की तिथि दी गई लेकिन उसका सही तरीके से सूचना नहीं देने के कारण अधिकांश छात्रों को नामांकन के बारे में पता नहीं चल सका जिस कारण वे अपना नामांकन कराने से वंचित रह गए. और इसलिए वे सभी परीक्षा फॉर्म भी नहीं भर पाए. उन्होंने बताया कि वेबसाइट सही से काम नहीं करने के कारण कई छात्रों का पेमेंट खाता से कट जाने के बाद भी पेमेंट पेंडिंग शो कर रहा है. छात्रों को आए दिन बार - बार विश्वविद्यालय के UMIS पोर्टल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. केशव कुमार ने बताया कि UMIS पोर्टल से नामांकन लेने के समय दो बार पैसा काट लिया गया लेकिन अभी तक पैसा वापस नहीं किया गया है. मन्नू कुमारी ने बताया कि बीए का मूल प्रमाण पत्र लेने के लिए चालान जमा किए हुए तकरीबन 6 महीना हो गया है लेकिन अभी तक मूल प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. 

चंदन कुमार ने बताया कि UMIS पोर्टल द्वारा जान बूझकर फॉर्म में कुछ न कुछ गलती कर दी जाती है और फिर सुधार करवाने के लिए पांच सौ रुपये का चालान कटवाने के बाद ही सही किया जाता है. बीएसएस कॉलेज सुपौल के ही पीजी के छात्र राहुल राज ने बताया कि उनका सत्र 2023-25 है. उन्होंने नया पंजीयन करवाया है. परीक्षा भी हो गई है, लेकिन अभी तक पंजीयन नंबर निर्गत नहीं हुआ है. सोनू कुमार ने बताया कि वे पीजी थर्ड सेमेस्टर सत्र 2022-24 के छात्र हैं. उन्होंने भी नया पंजीयन करवाया है, लेकिन UMIS द्वारा निर्गत किए गए विभिन्न डॉक्यूमेंट पर पंजीयन संख्या गलत अंकित कर दिया गया है. फर्स्ट सेमेस्टर के एडमिट कार्ड और मार्कशीट पर पंजीयन संख्या सही अंकित है, जबकि सेकंड सेमेस्टर के एडमिट कार्ड एवं मार्कशीट पर गलत पंजीयन संख्या अंकित कर दिया गया है और सुधार के नाम पर पैसे की उगाही की जाती है. इतना ही नहीं प्रमोटेड छात्र हो या रेगुलर, सभी से परीक्षा शुल्क एक जैसा ही लिया जाता है.

बता दें कि विश्वविद्यालय का वेबसाइट एमएस आई टी आई लिमिटेड कोलकाता द्वारा डिजायन एवं एग्रीमेंट किया गया है. जिसके एग्रीमेंट पेपर में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि नामांकन के पश्चात हर छात्र को साल में 20 एसएमएस भेजकर उन्हें विश्वविद्यालय में छात्रों से संबंधित होने वाली गतिविधियों जानकारियां दी जाएगी. ताकि उन्हें व्यक्तिगत रूप से हर जानकारियां प्राप्त हो सके. वे किसी भी जानकारी से वंचित न रहे. लेकिन उन्हें आज तक कोई एसएमएस नहीं भेजा गया.
(रिपोर्ट:- गरिमा उर्विशा) 
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