मधेपुरा
जिला मुख्यालय मुख्य मार्ग स्थित साउथ पॉइंट पब्लिक स्कूल में गुरुवार को खसरा रूबेला टीकाकरण का कैंप लगाया गया. स्कूल की निदेशिका रेखा गांगुली ने बताया कि कैंप में लगभग 291 बच्चों को खसरा का टीका लगाया गया.
श्री गांगुली ने बताया कि खसरा रूबेला का टीकाकरण अभियान सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. सभी को इसमें सहभागिता कर इस अभियान में भाग लेना चाहिए. 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को इस अभियान के अंतर्गत खसरा रूबेला का टीका लगाया गया. इस दौरान टीकाकरण कर्मियों ने खसरा के लक्षण बताते हुए कहा कि इसमें बच्चों के पूरे शरीर में छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं. खुजली होती है और बुखार भी आ जाता है.
यह बीमारी बच्चों के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाती है. इस बीमारी का बच्चों में होने का समय नौ माह से पंद्रह वर्ष है. इसीलिए प्रशासन ने इस टीकाकरण में नौ माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शामिल किया है. इस टीके को लगवाने से माता-पिता अपने बच्चे को खसरे जैसी बीमारी से सुरक्षित कर लेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि भूखे पेट किसी भी बच्चे को यह टीका नहीं लगाना चाहिए.
डाॅक्टर या स्वास्थ्यकर्मी जो भी जानकारी माता-पिता से मांगें वह पूरी तरह सत्य होनी चाहिए. टीकाकरण अभियान में आरबीएसके की टीम ने भी अपना सहयोग दिया. मौके पर विद्यालय के कविता झा, आरती झा, मोहम्मद मुजाहिर, पुष्पा कुमारी, कैलाश बिहारी झा, राजू, शर्मा मंजू, कुमारी, अरुणा कुमारी, सुधा देवी, ममता कुमारी, नैना कुमारी सहित अन्य शिक्षकगण मौजूद थे.
जिला मुख्यालय मुख्य मार्ग स्थित साउथ पॉइंट पब्लिक स्कूल में गुरुवार को खसरा रूबेला टीकाकरण का कैंप लगाया गया. स्कूल की निदेशिका रेखा गांगुली ने बताया कि कैंप में लगभग 291 बच्चों को खसरा का टीका लगाया गया.
श्री गांगुली ने बताया कि खसरा रूबेला का टीकाकरण अभियान सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. सभी को इसमें सहभागिता कर इस अभियान में भाग लेना चाहिए. 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को इस अभियान के अंतर्गत खसरा रूबेला का टीका लगाया गया. इस दौरान टीकाकरण कर्मियों ने खसरा के लक्षण बताते हुए कहा कि इसमें बच्चों के पूरे शरीर में छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं. खुजली होती है और बुखार भी आ जाता है.
यह बीमारी बच्चों के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाती है. इस बीमारी का बच्चों में होने का समय नौ माह से पंद्रह वर्ष है. इसीलिए प्रशासन ने इस टीकाकरण में नौ माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शामिल किया है. इस टीके को लगवाने से माता-पिता अपने बच्चे को खसरे जैसी बीमारी से सुरक्षित कर लेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि भूखे पेट किसी भी बच्चे को यह टीका नहीं लगाना चाहिए.
डाॅक्टर या स्वास्थ्यकर्मी जो भी जानकारी माता-पिता से मांगें वह पूरी तरह सत्य होनी चाहिए. टीकाकरण अभियान में आरबीएसके की टीम ने भी अपना सहयोग दिया. मौके पर विद्यालय के कविता झा, आरती झा, मोहम्मद मुजाहिर, पुष्पा कुमारी, कैलाश बिहारी झा, राजू, शर्मा मंजू, कुमारी, अरुणा कुमारी, सुधा देवी, ममता कुमारी, नैना कुमारी सहित अन्य शिक्षकगण मौजूद थे.