मधेपुरा: म्यूजिक यंग स्टेज के द्वारा आयोजित शास्त्रीय गायन के इस श्रृंखला मे वाराणसी के अमित मिश्रा ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी. अमित ने अपने गायन की शुरुआत राग जोग से की. जिसमें उन्होंने तीन बंदिशो की प्रस्तुति दी. शुरूआत में विलंबित एकताल की बंदिश तन मन वार दई जो की उनके दादा गुरु पंडित मुकुंदविष्णुकल्विंट के द्वारा रचित की है. फिर रूद्रताल में अपने गुरु जी के द्वारा रचित बंदिश साँवरा सलोना है मनमोहन, फिर द्रुत एकताल में सबरी के बेर मधुर की सुमधुर प्रस्तुति के पश्चात काशी की पारम्परिक दादरा डगर बीच कैसे चलूँ मग रोके कन्हैया बे पीर से अपने गायन का समापन किया. अमित विगत चार वर्षों से अपने गायन की शिक्षा दीक्षा काशी के मुर्धन्य विद्वान पंडित देवाशीष डे के सानिध्य में प्राप्त कर रहे हैं.
आपको मालूम हो की अमित अपनी प्रस्तुति उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठि मंच आगरा के ताज महोत्सव और सुबह ए बनारस जैसे मंच पर अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं. संस्था के सदस्य हिमांशु जी ने कहा है की हमारा मंच शास्त्रीय संगीत का आयोजन इसलिए करा रहा है ताकि हमारे क्षेत्र के युवाओं को इनके प्रति रूचि बढ़े. संस्था के संस्थापक कल्याण जी और सहसंस्थापक आनंद अभिनव और सभी संस्था सदस्य का अहम योगदान रहा.
(रिपोर्ट:- मोहन कुमार)
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