बिना डीन के शिक्षा शास्त्र विभाग का चलना हास्यास्पद - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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23 अप्रैल 2022

बिना डीन के शिक्षा शास्त्र विभाग का चलना हास्यास्पद

मधेपुरा: वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने बीएनएमयू में शिक्षा संकायाध्यक्ष के नहीं होने पार आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे हास्यास्पद और विश्वास से परे बताया. छात्र नेता राठौर ने कहा कि जिन संकायों में पीजी तक की पढ़ाई होती है उसमें डीन के नेतृत्व में उससे सम्बन्धित फैसले लिए जाते हैं. लेकिन वर्तमान में बीएनएमयू के शिक्षा संकायाध्यक्ष के बिना ही विभागों का संचालन हो रहा है जिसका परिणाम ही है कि बीएनएमयू अन्तर्गत संचालित शिक्षा शास्त्र विभागों का नाम लगातार विवादों के दलदल में धंसते जा रहा हैै. नामांकन, परीक्षा, परिणाम, भवन निर्माण, शिक्षक नियुक्ति, शिक्षकों के कम वेतन, वेतन में लेट लतीफी को लेकर उपजे विवाद, उच्च न्यायालय में लटके कई मामले और लगातार हो रही फजीहत इसके प्रमाण हैं. 

कुछ वर्ष पहले तक राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सहरसा के प्राचार्य शिक्षा संकायाध्यक्ष की भूमिका में होते थे. तत्कालीन कुलपति प्रो ए के राय के कार्यकाल तक सबकुछ ठीक रहा लेकिन इधर के वर्षों में बिना डीन के ही शिक्षा संकाय से जुड़े फैसले लिए जाते रहे हैं. इस पर राठौर ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर किस नियम कानून के तहत डीन के पद को ही गायब कर दिया गया और किसके नेतृत्व में अब फैसले हो रहे हैं. सभी संकाय में जब डीन हैं तो शिक्षा संकाय में क्यों नहीं.  
राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सहरसा के प्रधानाचार्य डॉ राणा जयराम सिंह सहित अन्य प्रधानाचार्य अपने समय में बीएनएमयू में शिक्षा संकाय के डीन हुआ करते थे जिसका परिणाम था कि संकाय का संचालन सुगमतापूर्वक होता था और इतने विवादों से बीएनएमयू को दो चार नहीं होना पड़ता था. राठौर ने बीएनएमयू कुलपति से मांग किया कि अविलंब शिक्षा संकाय में डीन नियुक्त किया जाए जिससे एक बार फिर शिक्षा शास्त्र विभाग अपने पुराने रंगत में लौट विवादों से अलग अपनी रफ्तार पकड़ सके. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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