डेस्क: मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद शहर में भूमि विवाद काफी बढ़ गया है. यहां एक कहावत लोगों के बीच काफी प्रचलित है की मधेपुरा शहर में जमीन से ज्यादा बिचौलिया ही नजर आते हैं. शहर में अगर कहीं खाली जमीन पर बिचौलियों की नजर पड़ती है तो वे अंचल कार्यालय के कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के मिलीभगत से मोटी रकम देकर गलत तरीके से कुछ कागज बिचौलिए द्वारा बनवा लिया जाता है. उसके बाद बिचौलियों द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन को मैनेज कर जमीन पर दबंगों के साथ धावा बोल दिया जाता है.
जब जमीन वाले को मालूम होता है तो वह प्रशासन से गुहार लगाते हैं और प्रशासन यह कह कर की जमीन का मामला में हम लोग नहीं पड़ते हैं और प्रशासन के द्वारा हाथ खड़ा कर लिया जाता है. बेचारे जमीन वाले कभी अंचल कार्यालय के कर्मचारी तो कभी पदाधिकारी के आगे पीछे करते करते परेशान रहते हैं. सूत्र तो यह भी बताते हैं कि बिचौलियों के द्वारा रजिस्टर्ड जमीन को भी पुनः रजिस्टर्ड करा दिया जाता है. दबंगई और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से जमीन पर बिचौलियों द्वारा दखल भी करा दिया जाता है और सही आदमी न्याय के लिए दर-दर का ठोकर खाते रहते हैं.
नाम न छापने की शर्त पर अंचल कार्यालय से संबंधित व्यक्ति ने बताया कि यहां केवल खेला ही होता है सही आदमी का काम सालों भर में नहीं होता है जबकि गलत आदमी पैसे के बल पर अपना काम मिनटों में करा लेते हैं. अंचल कार्यालय से जुड़े कर्मी दाखिल खारिज के नाम पर सैकड़ों लोगों से मोटी रकम लेकर अंचल कार्यालय की परिक्रमा करवाते रहते हैं. जब तक वरीय पदाधिकारी द्वारा इस हकीकत को संज्ञान में नहीं लिया जाएगा कब तक न्याय के लिए लोग दर-दर भटकते फिरेंगे.
(रिपोर्ट:- सुनीत साना)
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