राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन की लगातार उदासीनता पर एआईएसएफ ने दुबारा लिखा डीएम को पत्र - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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21 अक्तूबर 2022

राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन की लगातार उदासीनता पर एआईएसएफ ने दुबारा लिखा डीएम को पत्र

मधेपुरा: गोपाष्टमी महोत्सव के तैयारी को लेकर तेईस दिन पहले पत्र लिख पहल की मांग करने के बाद भी मधेपुरा जिला प्रशासन द्वारा दस दिन शेष होने पर भी सुगबुगाहट नही नजर नहीं आने पर एआईएसएफ मधेपुरा ने डीएम मधेपुरा को पत्र लिख नाराजगी जताते हुए अविलंब पहल की मांग की. संगठन के जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने डीएम को लिखे पत्र में कहा कि तेईस दिन पहले भी संगठन ने श्रीमान को पत्र लिख पहल की मांग की थी. पुनः यह मांग करना है कि मधेपुरा का सौभाग्य है कि यहां राजकीय स्तर के तीन कार्यक्रम होते हैं जो सरकार के कैलेंडर में भी वर्णित रहते हैं जिसमें राजकीय सिंघेश्वर महोत्सव, राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव व राजकीय बीपी मंडल जयंती समारोह है, लेकिन विगत कुछ वर्षों में दुर्भाग्य रहा कि इन राजकीय महत्व के महोत्सवों को भी कम समय होने का रोना रोकर अगली बार बेहतर और भव्य का आश्वासन दे औपचारिकता में निभा दिया गया. 

इस बार भी अब यही होना है, क्योंकि इस बार समय रहते आग्रह के बाद भी पहल नहीं हो पाई संगठन की शिकायत पर उस समय जिला प्रशासन ने तय समय पर सबकुछ होने का बयान तो जारी कर दिया लेकिन अपनी ही बात को लागू नहीं कर सका. स्थानीय प्रयास से शुरू किए गए गोपाष्टमी महोत्सव को वर्ष 2018 में पहली बार स्थानीय स्तर पर लगातार मांग के बाद राजकीय महोत्सव का दर्जा देते हुए राजकीय कलेंडर में शामिल किया गया था  जिसके बाद जिला प्रशासन व कला संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में इसका आयोजन हुआ. विगत कुछ वर्षों में महोत्सव अथवा दिवस पर प्रकाशित होने वाले स्मारिका प्रकाशन को जिला प्रशासन द्वारा समय की कमी का दलील दे टाल दिया जाता था  जो इस बार भी अब नहीं होगा यह दुखद परंपरा की शुरुआत है उससे साहित्यिक गतिविधि व माहौल दम तोड़ रही है. 

कम समय में तैयारी के क्रम में समय कम रहने के कारण उच्च कोटि के कलाकारों को भी  अब आमंत्रित नहीं किया जा सकेगा. अंत में मध्यम दर्जे के कलाकारों को बुला खानापूर्ति ही की जाएगी  जिससे स्थानीय कलाकार बड़े कलाकारों से कुछ सीखने व समझने के अवसर से वंचित रहेंगे. भारतीय सांस्कृतिक विरासत से जुड़े राष्ट्रीय, प्रांतीय व स्थानीय धरोहरों की प्रस्तुति पर विशेष पहल की दरकरार है. अभी दस  दिनों का समय मात्र शेष है अभी से तैयारी अविलंब शुरू किया जाए।वहीं राठौर ने जिला प्रशासन के दोहरे चरित्र पर तंज कसते हुए कहा कि एक ओर जिला मुख्यालय के विभिन्न जगहों पर बेगूसराय के राजकीय कल्पवास महोत्सव मेला का प्रचार प्रसार जमकर किया जा रहा है दूसरी ओर गोपाष्टमी महोत्सव चर्चा में भी नहीं है जो हास्यास्पद सा है. 

राठौर ने कहा कि जल्द पहल करते  हुए पूरी तैयारी के साथ प्रचार प्रसार कर मधेपुरा मुख्यालय के साथ स्थानीय कला संस्कृति को जीवंत बनाने वाले सुदूर इलाकों के कलाकारों को भी आसानी से जोड़ने  का प्रयास किया जाए. इसके आयोजन का औचित्य कि कला संस्कृति का विकास व स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करना सिद्घ किया जाए. उन्होंने कहा कि संगठन उम्मीद जताती है कि इस बार भी अन्य दलीलों के सहारे राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव को औपचारिकता के भेंट  चढ़ने देने के बजाय आयोजन की पहल होगी साथ ही साठ प्रतिशत राशि स्थानीय कलाकारों के मद में खर्च होगा क्योंकि साल 2019 की बैठक में इसपर सहमति बनी थी और राज्य सरकार से और अधिक बजट की मांग का निर्णय किया गया था. राठौर ने कहा कि संगठन इस बार कोताही बर्दास्त नहीं करेगा जिला प्रशासन अगर पहल नहीं करेगी तो आंदोलन भी किया जाएगा. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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