महोत्सव हर साल तय,फिर फैसले आनन फानन में क्यों
एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष राठौर ने कहा कि जब हर साल महाशिवरात्रि मेले में सिंहेश्वर महोत्सव निर्धारित है फिर आखिरी दौर में आनन फानन में निर्णय क्यों लिए जाते हैं. यह किसी बड़ी साजिश से कम नहीं है. समय रहते तैयारी शुरू क्यों नहीं होती बड़े कलाकारों से संपर्क क्यों नहीं स्थापित किया जाता. हर साल समय अभाव बता अच्छा कमीशन मिलने वाले सेकंड लाइन के कलाकारों को बुला लिया जाता है.
कलाकारों का चयन बड़े स्तर की साजिश
राठौर ने जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कि कलाकारों का चयन बड़े स्तर की साजिश है जिसमे आसपास के जिलों में होने वाले महोत्सवों की आयोजन टीम आपस में सांठगांठ कर ऐसे कलाकार को बुलाती है जिससे सारे आयोजनों में काम निकाल लिया जाता है जिसमें कई स्तरों पर मात्र बिल बनता है जो बंदरबांट की मुख्य वजह है यही कारण है कि हर बार महोत्सव के तीन चार दिन पहले ऐसे कलाकारों के नाम अचानक तय होते हैं.
स्थानीय गणमान्य लोगों का आयोजन समिति में नाम न होना दुखद
वहीं राठौर ने लगातार मांग के बाद भी सिंहेश्वर महोत्सव में स्थानीय गणमान्य लोगों को शामिल नहीं किए जाने पर ऐतराज जताया और कहा कि जब महोत्सव सिंहेश्वर में होता है तो यहां के लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए और उनके सलाह, चाहत का सम्मान होना चाहिए जिससे आमजन को भी लगे की यह सबका महोत्सव है. वहीं राठौर ने सिंहेश्वर महोत्सव में तीस लाख के बजट के बाद भी महोत्सव विशेष स्मारिका प्रकाशन नहीं होने और सिंहेश्वर मुख्य मार्ग में एक भी तोरण द्वार नहीं बनाए जाने को हास्यास्पद बताते कहा कि बजट इतना भी कम तो नहीं साहब. वहीं राठौर ने मांग भी किया अब और मनमानी बर्दास्त नहीं हो सकती जिला प्रशासन सिंहेश्वर महोत्सव में हुए खर्च का आयोजन के बाद ब्योरा भी आमजन के बीच रखे जिससे बजट के खर्च की हकीक़त पता चले.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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