कैप्टन आशुतोष कुमार के बारे में कुछ बातें जो आपको जानना जरूरी हैं
दिवंगत अधिकारी बिहार के मधेपुरा जिला के घैलाढ़ प्रखंड के परमानपुर के रहने वाले थे. उनकी दो बहनें हैं जबकि उनके पिता एक पशु अस्पताल में काम करते हैं और मां एक गृहिणी हैं. सैनिक ने अपनी स्कूली शिक्षा ओडिशा के भुवनेश्वर के सैनिक स्कूल से पूरी की थी. विशाल वैभव के अनुसार, जो सैनिक स्कूल में उनके जूनियर थे, कैप्टन एक ‘शानदार छात्र’ थे, जो जेईई या एनईईटी को ‘आसानी से’ क्रैक कर सकते थे. अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, कैप्टन आशुतोष ने पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में 132वें पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया.
वहां से, उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून में अपना प्रशिक्षण पूरा किया. आतंकवाद विरोधी अभियान जिस दौरान वह 8 नवंबर, 2020 की दरमियानी रात को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास हुई कार्रवाई में शहीद हो गए. कैप्टन आशुतोष, जो उस समय 18वीं बटालियन में थे. सेना की मद्रास रेजीमेंट ने अपने 24वें जन्मदिन के महज 20 दिन बाद ही शहादत हासिल की. हवलदार प्रवीण कुमार, राइफलमैन रियादा महेश्वर और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान सुदीप कुमार ने एक ही ऑपरेशन में शहीद हुए. सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को भी ढेर कर दिया.
(रिपोर्ट:- सुनीत साना)
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